Advertisement

Responsive Advertisement

Bhagdaud

 दौड़ रहे है लोग कल बनाने में

बीत गया कल आज बनाने में

जिंदगी भागदौड़ सी हो गई है


देखी है सब जगह जमाने में


खुश नहीं है कोई जिंदगी में

लगे है भरोसा दिलाने में

कोई खुद गलत जा रहा

तो कोई लगा है उसे गिराने में


बीत गया जमाना कितना

 देर नही है कल आने में

आज खुश रहना सिख लो

वक़्त ना लगता कब्र तक जाने में


आये कितने, कितने चले गए

तुम लगे हो क्या बनाने में

टूटेगा घर एक दिन तेरा भी

बस देर है तूफा के आने

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ